डिंडौरी | नर्मदा नदी पर प्रस्तावित राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना निर्माण हेतु बांध स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना की निर्माण संरचनाओं का अवलोकन किया। बताया गया कि राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना में बांध, बिजली घर एवं पाईप सिंचाई प्रणाली को शामिल किया गया है, जिसके अनुरूप निर्माण कार्य किया जाएगा। इस परियोजना से किसानों दोनों फसलों के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही आसपास के गांवों में पेयजल आपूर्ति भी की जाएगी। उक्त परियोजना से 25000 किलोवॉट बिजली उत्पादन का कार्य किया जाएगा तथा बांध पर सड़क निर्माण कार्य भी कराया जाएगा।निर्माण एजेंसी एएफसीओएन द्वारा उक्त परियोजना का निर्माण किया जाएगा। कलेक्टर हर्ष सिंह ने निर्माण कार्य की लागत एवं समय-सीमा के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए संबंधित राजस्व अधिकारियों को भू-अर्जन संबंधी कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर सरोधन सिंह, एसडीएम डिंडौरी रामबाबू देवांगन, तहसीलदार शाहपुर शंशाक साण्डे, जनसम्पर्क अधिकारी चेतराम अहिरवार सहित अन्य जिला प्रशासन के अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे।
राघवपुर बांध से कुल 4600 हैक्टेयर जमीन डूब में आयेगी। जिसमें 2636 हैक्टेयर निजी भूमि,1952 हैक्टर शासकीय भूमि और 11.99 हैक्टर वन भूमि शामिल है।प्रशासकीय स्वीकृति के समय इसकी लागत 1061.18 करोड़ रूपये थी। बसनिया बांध ग्राम – ओढारी,तहसील-घुघरी ,जिला-मंडला और राघवपुर बांध ग्राम- मारवारी,तहसील – शहपुरा,जिला- डिंडोरी में बनाया जाना प्रस्तावित है।नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के अनुसार नर्मदा नदी में उपलब्ध 28 एमएएफ पानी में से 18.25 एमएएफ पानी मध्यप्रदेश के हिस्से में आया है।वर्ष 1975 के गणना अनुसार नर्मदा नदी में बहने वाली पानी की उपलब्धता 28 एमएएफ मापा गया था।परन्तु नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने वर्ष 1980 से नर्मदा में प्रतिवर्ष जल उपलब्धता की गणना की है।2009- 10 तक के गणना अनुसार नर्मदा कछार में 21.72 एमएएफ जल उपलब्ध था।निश्चित प्रतिशत बंटवारे के अनुसार 2009- 10 में मध्यप्रदेश को उपयोग हेतु 14.16 एमएएफ जल का हिस्सा उपलब्ध था न कि 18.25 एमएएफ पानी।अतः पानी की उपलब्धता के आधार पर ही कोई परियोजना निर्माण करने के लिए मंजूर किया जाना चाहिए।
: हरी सिंह मरावी