डिंडोरी, एससी एसटी संयुक्त मोर्चाा डिंडोरी के तत्वाधान में भारत बंद के समर्थन में 21 अगस्त 2024 को डिंडोरी बंद का आयोजन किया गया जिसमें सभी सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि एवं ग्रामीण जन के द्वारा रैली निकालकर जिला कलेक्टर डिंडोरी को महामहिम राष्ट्रपति महोदय ,माननीय प्रधानमंत्री महोदय, माननीय मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के नाम ज्ञापन सोपा गया । कार्यक्रम के संयोजक हरि सिंह मरावी ने बताया कि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ने बमुश्किल जातियों को तोड़ा, विभिन्न जातियों की श्रेणियां बनाई, उनके सामाजिक पिछडेपन और शैक्षणिक पिछड़ेपन नष्ट करने के लिए आरक्षण दिया और उन्हें सत्ता में भागीदारी दी। आर्थिक उन्नति के लिए नहीं। इसे संविधान सभा से संवैधानिक मंजूरी मिल गई, जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के बीच सामाजिक एकता निर्माण हुई।
हालाँकि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 1/8/2024 को एक संविधान विरोधी मत राज्य सरकार केंद्र सरकार को दिया है जो संविधान की मूल अवधारणा पर विचार किए बिना अनुसूचित जाति, जनजाति की एकता तोडकर, इन श्रेणियों में उप-वर्ग बनाना और क्रीमी लेयर बनाना अन्यायपूर्ण है। अतः अनुसूचित जाति, जनजाति के अंतर्गत जाति समूह बनने से उन्हें बिन्दुनामावली (रोस्टर) के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पायेगा। वैकल्पिक रूप से, आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। अदालत ने 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटा है। तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं. इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता।
अनुसूचित जाति जनजाति संयुक्त मोर्चा डिण्डौरी सुप्रीम कोर्ट के 7 न्यायाधीशों की पीठ के दिए गए एससी एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के विरोध में है। संयुक्त मोर्चा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट हालिया फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में 9 न्यायाधीशों की पीठ के पहले के फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी। वर्तमान फैसला एससी एसटी के संवैधानिक अधिकारों को खतरा पहुंचाता है।
माननीय महोदय निम्नलिखित मांगों को लेकर जिला डिण्डौरी मुख्यालय में चंद्रविजय कालेज से रैली निकालकर अनुसूचित जाति जनजाति संयुक्त मोर्चा डिण्डौरी के कार्यकर्ता संवैधानिक द्वारा प्राप्त मौलिक अधिकार 19 (अ) (1) के अनुसार जिला कलेक्टर कार्यालय डिण्डौरी में उपस्थित होकर जिला कलेक्टर डिण्डौरी के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
मुख्य मांगें-
1) केंद्र सरकार को एक कानून बनाकर संसद में एक अध्यादेश जारी करना चाहिए ताकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों और जनजातियों की श्रेणी में प्रस्तावित जातियों के उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेअर के निर्णय को लागू न करें।
2) केंद्र सरकार को एससी और एसटी के आरक्षण के लिए एक ही कानून बनाना चाहिए और इसे अनुसूची 9 में शामिल करना चाहिए ताकि कोई भी अदालत इसमें हस्तक्षेप न कर सके।
3) केंद्र सरकार को सभी जातियों की जनगणना करनी चाहिए और उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण प्रदान करना चाहिए।
4) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण निजी विश्वविद्यालयों, निजी प्रतिष्ठानों और संविदात्मक भर्ती में लागू किया जाना चाहिए।
5) मा. उच्च न्यायालय और मा. उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति “न्यायिक नियुक्ति आयोग की स्थापना कर के आयोग द्वारा परीक्षा लेकर की जानी चाहिए न कि वर्तमान ‘कॉलेजियम’ प्रणाली द्वारा।
6) डिंडोरी जिले की सीमा मैं बनाए जा रहे अपर नर्मदा बांध परियोजना शोभापुर, राघोपुर मारवारी पावर परियोजना, बसनीया बहुउद्देशीय परियोजना, अपर बुढनेर परियोजना, खरमेर मध्यम सिंचाई परियोजना समनापुर, डिंडोरी मध्य सिंचाई परियोजना विट्ठलदेह आदि बड़ी परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर आदिवासियों का विस्थापन किया जा रहा है। संयुक्त मोर्चा की मांग है कि केंद्र एवं रज्य सरकार को पांचवी एवं छठी अनुसूची क्षेत्र में विस्थापन मुक्त परियोजनाओं का निर्माण करना चाहिए।
7) केंद्र सरकार द्वारा वां संशोधन अधनियम 2023 को निरस्त करना चाहिए क्योंकि यह अधिनियम लागू होने से अनुसूची क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम ,पेसा कनून एवं पांचवी अनुसूची का उल्लंघन होता है ,अतः वन अधिकार संशोधन अधिनियम को निरस्त करते हुए पूर्ववत किया जावे।
कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महासचिव राजाबली मरावी, राघवपुर पॉवर परियोजना प्रभावित किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमकार तिलगाम, अमर सिंह मार्को, आकाश कर्मचारी संगठन से गिरवर सिंह तेकाम, रवि तेकाम, गोंडवाना गोंड महासभा से पी.एस.साण्डया, महेश धुर्वे, फारेस्ट कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि, पार्षद ज्योतिरादित्य भलावी पार्षद कांग्रेस, युवक कांग्रेस शिवराज ठाकुर, बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष असगर सिददकी , भीम आर्मी सेना सिलकचंद नागवंशी, पारंपरिक आदिवासी ग्रामसभा से हरीशचंद्र मरकाम, अजाक्स घनश्याम मरावी, डी एस मार्को, नर्मदाखण्ड नवनिर्माण सेना अध्यक्ष अशोक कुमार धुर्वे, प्रदेश महासचिव शिवशाह मरकाम सहित आसपास क्षेत्र से आदिवासी सामाजिक संगठन के ग्रामीण जन रैली में सम्मलित हुए।