ग्राम की समस्या

बैगा आदिवासी बाहुल्य जामपानी गांव में जुगाड़ के भरोसे सरकारी स्कूल व आंगनवाड़ी

जिम्मेदार विभाग के अधिकारी सबकुछ जानकर भी अंजान बने बैठे

रिपोर्टर – विनय प्रताप सिंह
डिंडौरी, मध्यप्रदेश में डिंडौरी जिले के बैगा आदिवासी बाहुल्य जामपानी गांव में जुगाड़ के भरोसे सरकारी स्कूल व आंगनवाड़ी का संचालन किया जा रहा है। दरअसल जामपानी गांव में प्राथमिक शाला एवं आंगनवाड़ी केंद्र के भवन की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है की किसी भी वक्त धराशाई हो सकता है बावजूद इसके जर्जर भवनों में ही पढाई के नाम पर नौनिहालों के भविष्य साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बारिश के मौसम में स्कूल व आंगनवाड़ी भवन की छत पानी से लबालब हो जाता है जिसके कारण कमरों के अंदर पानी टपकते रहता है लिहाजा छत में जमा हुए बारिश के पानी की निकासी के लिए छत में बड़ा छेद करके पाईप लगा दिया गया है जिससे छत में जमा कुछ पानी बाहर निकल जाता है। आप तस्वीरों में देख सकते हैं की आंगनवाड़ी केंद्र व प्राथमिक शाला भवन की दीवारों में मोटी मोटी दरारें पड़ गई हैं तो वहीं छत पूरी तरह से ख़राब हो चुकी है जिसके कारण छत का मलबा चाहे जब गिर जाता है। आंगनवाड़ी में पदस्थ कार्यकर्ता एवं स्कूल में तैनात शिक्षक भी मानते हैं की भवन की हालत बेहद खस्ता है और किसी भी वक्त धराशाई हो सकता है लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारी सबकुछ जानकर भी अंजान बने बैठे हैं। 

आंगनवाड़ी में अध्ययन करते बच्चे

भवन की छत में बारिश का भर रहा पानी

देशी जुगाड़ छत में छेद कर पाईप के द्वारा बाहर निकाला जा रहा पानी और टपकती छत

हमारे संवाददाता ने आंगनबाड़ी संस्था में अर्चना उपाध्याय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जाम पानी ,लक्ष्मी दीप चौहान, प्राथमिक शिक्षक शाला जाम पानी, इस संबध में से बात की तो उन्होने बताया कि विभाग को इस संबध में अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक भवन की मरम्मत नहीं की गई है, इसलिए यह पाईप का देशी जुगाड़ लगवाया गया है जिससे छत में भर रहा पानी की निकासी हो सके।  देवी सिंह  जन शिक्षक केंद्र प्रभारी से इस समस्या पर बात की तो उन्होने बताया कि उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। समय पर अगर भवन का मरम्मत कार्य नहीं कराया जाता तो भवन की छत गिर सकती है, इससे पहले की किसी प्रकार की दुर्घटना घटे विभाग को जल्द मरम्मत कार्य कराना चाहिए, प्रत्येक वर्ष स्कूल आंगनबाड़ी छात्रावास मरम्मत के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च किए जाते है लेकिन यह केन्द्र विभाग की पोल खोल रहा है।

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