21 फरवरी 2024 खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प में बठिंडा के 24 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया. शुभकरण सिंह की मौत के बाद बठिंडा जिले के बल्लोह गांव स्थित उनकी दो बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव वालों ने बताया कि शुभकरण सिंह पिछले किसान आंदोलन में भी शामिल हुए थे. घर में अकेले कमाने वाले थे शुभकरण सिंह शुभकरण सिंह अपने चाचा चरणजीत सिंह के साथ मिलकर 20 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती करते थे. शुभकरण सिंह के पास मात्र दो एकड़ जमीन थी.
13 फरवरी को शुभकरण सिंह पहुंचे थे खनौरी
शुभकरण सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के कार्यकर्ता थे उन्होंने 2021 के किसान आंदोलन में भी भाग लिया था. 13 फरवरी को शुभकरण सिंह पहुंचे थे खनौरी हरियाणा पंजाब पुलिस बार्डर पर शुभकरण की मां का पहले ही निधन हो चुका है, उनके पिताजी की मानसिक स्थिति ठीक नहींं है, दो बहन है बड़ी बहन की शादी पहले हो चुकी है और छोटी बहन की शादी नहीं हुई थी, शुभकरण सिंह के गांव के लोगों ने बताया कि किसान शुभकरण बहुत ही महनती किसान था, उस पर बैंको का कर्ज भी है, अब छोटी बहन और बिमार पिता ही घर पर है अब आगे का भविष्य क्या होगा।
पंजाब सरकार ने की घोषणा
पंजाब सरकार ने 01 करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा की है, साथ ही किसान शुभकरण की छोटी बहन को पंजाब सरकार सरकारी नौकरी देगी वंही संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार एंव केन्द्र सरकार से एक करोड रूपये का मुआवजा दिया जावे एंव घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच कर दोषियों को सजा दिया जावे। पंजाब हाईकोर्ट में शुभकरण की मौत को लेकर एक याचिका भी लगाई गई है।
दो दिनों के लिए किसान मोर्चा बार्डर पर ही रूकेगा
किसान मोर्चा ने किसान शुभकरण की मौत के बाद पंजाब हरियाणा बार्डर पर ही दो दिनों तक दिल्ली चलो मार्च को स्थगित कर दिया है,
14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानो की होगी महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में समस्त किसान यूनियन, संयुक्त किसान मोर्चा एंव अन्य किसान संगठन जो आंदोलन की मांग का समर्थन करते है 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में इक्टठे हो किसान महापंचायत करेंगें।
संयुक्त किसान मोर्चा ने खटटर सरकार पर लगाये गंभीर आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंजाब की सीमा पर घुसकर आंसू गैस और गोली चलाई है ,जिसमें किसान गंभीर रूप से घायल हुए और एक युवा किसान की मौत हो गई है, मृतक किसान के सिर पर गंभीर चोट के कारण मौत हुई डाक्टर का कहना है कि पोस्ट मार्टम के बाद पता चलेगा कि किसान के सिर पर गोली लगी है या कुछ और अगर गोली लगी है तो वह किस बंदूक की गोली है पोस्ट मार्टम के बाद खुलासा होगा। उसे पता नहीं था कि किसानों की हक की लड़ाई में जाने के बाद वह घर नहीं लौट पायेगा, एक वर्ष पूर्व जब आंदोलन हुआ था तब भी किसान शुभकरन सिंह शामिल हुआ था, लेकिन अब वह किसानो के आंदोलन में कभी शामिल नहीं हो पायेगा, पुलिस और किसानों के संघर्ष में एक गरीब परिवार के मुखिया को हमेशा के लिए छीन लिया। एक बहन का भाई और बिमार पिता का बेटा अब बिमार पिता का ईलाज कौन करेगा, घर की जिम्मेदारी अब छोटी बहन के सिर पर आ गई है, दोनो बहनों का रो रो कर बुंरा हाल है।
किसानों ने रास्ता रोका या सरकार ने
किसानों के आने के पूर्व ही हरियाणा से लेकर दिल्ली तक कई लेयर में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है, साथ ही कांक्रीट के बड़े बड़े सीमेंट कांक्रीट दिवाल लाकर खड़ा कर दिया गया है, रास्ते में ट्रेक्टरों के लिए बड़े बड़े कीलों से कांक्रीट कर दिया गया है, कांटों की तारों से भी फैंसिग कर दी गई है। किसानों ने कहा कि रास्ते बंद सरकार ने किए है हम तो शांति से दिल्ली जा रहे है, किसानों को रोकना लाठी चार्ज कर लोगों को उग्र करने का काम हरियाणा पुलिस कर रही है। सरकार हमारी मांग पूरी करे हम यहीं से वापस हो जायेंगें लेकिन सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं कर रही है और जब तक मांग पूरी नहीं होगी हम वापस नहीं जायेंगें।
संपादकः हरी सिंह मरावी, खबर 750